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जबेरा सीट कांग्रेस विधयाक रत्त्नेश सालोमन के निधन होने से खाली हुई है. रत्त्नेश सालोमन की छवि अपने क्षेत्र में एक लोकप्रिय नेता के रूप में रही है. सालोमन दमोह जिले की राजनीति में लगभग ढाई दशक से सक्रिय थे। वे पहली बार अर्जुन सिंह सरकार के समय संसदीय सचिव बने। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में वन और शिक्षा मंत्री का पद भी संभाला।
कांग्रेस ने इस सीट से सालोमन की बेटी और दन्त चिकित्सक तान्या सालोमन को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसकी एक मात्र वजह सालोमन की मृत्यु से उपजी सहानुभूति वोटों को पाना है. हालांकि क्षेत्र की जनता भी तान्या को ही अपना उम्मीदवार देखना चाहती है. उधर भाजपा ने पूर्व विधायक दशरथ सिंह को टिकट दिया है
बीजेपी ने तो जबेरा और एक और अन्य सीट महेश्वर पर अपनी तैयारी काफी पहले शुरू कर दी थी. वही कोन्रेस ने इस सीट पर अपनी तैयारी हाल ही में कांतिलाल भूरिया के मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर आसीन होने के बाद शुरू की.
कांति लाल भूरिया के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है क्योंकि उनके नेतृत्व में कांग्रेस पहली बार चुनाव लड़ने जा रही है. हार-जीत्त उनका राजनितिक भविष्य तय करेगी.
हाल ही में मंडीदीप नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव के साथ ही निगम के 18 वार्डों पर चुनाव संपन्न हुए है. इस चुनाव में भाजपा ने तो नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव मात्र 131 मतों से जीता . यह सीट पहले कांग्रेस के पास थी.
18 वार्डों पर हुए चुनाव में से 9 सीटें कांग्रेस और 9 सीटें भाजपा के झोली में गई.
वैसे यह चुनाव नगर पालिका परिषद् के लिए हुआ था पर दोनों पार्टियों ने इसे जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी. कांग्रेस के मध्य प्रदेश के लगभग सभी दिग्गज नेताओं ने चुनाव प्रचार किए.
पूर्व मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने भी चुनाव प्रचार किया. मंडीदीप पचौरी के प्रभाव क्षेत्र का मना जाता है भूरिया ने भी इसे समझते हुए उम्मीदवारों के सलेक्शन में उन्हें खासी तवज्जो दी. कांग्रेस ने फिल्म कलाकार असरानी को भी चुनाव प्रचार में उतारा.
भाजपा के तरफ से भी प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं से लेकर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज तक ने चुनाव प्रचार किया. प्रचार के अंतिम दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुली जीप में पार्टी उम्मीदवार सविता जैन के साथ प्रचार किया और मतदाताओं से अपील की कि भाजपा को जीताएं वे खुद इस क्षेत्र में विकास सुनिश्चित करेंगें.
यहां मंडीदीप चुनाव का उल्लेख इसलिए जरुरी था क्योंकि इस चुनाव को दोनों पार्टियों ने काफी गंभीरता से लिए.ऐसा लगा जैसे यह नगर पालिका परिषद् का चुनाव न हो कर विधान सभा या लोक सभा का चुनाव हो.
कांग्रेस फरवरी में हुए कुक्षी और सोनकच्छ सीट पर हुए उपचुनाव हार चुकी है.दोनों ही सीटें कांग्रेस की परंपरागत सीटें रही है. लिहाजा कांग्रेस इस बार काफी सतर्क है और वह किसी भी कीमत पर इस सीट आर अपनी जीत दर्ज करना चाहती है .
भाजपा ने तो इस सीट पर अपन तैयारी पहले ही शुरू कर दी थी. जैसे ही चुनाव आयोग ने जबेरा सीट पर चुनाव की घोषणा की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए.अब वे एक जून से 23 तारीख तक दमोह में ही रहेंगें और चुनाव की सभी तैयारियों को देखेंगें.
परन्तु इस बार जबेरा सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी दिख रहा है,इसका कारण कांग्रेस का लोगों में पुनः विश्वास का जाग उठा है ऐसा नहीं है ,वजह है रत्त्नेश सालोमन की क्षेत्र में किए गए कार्यों की वजह से लोकप्रियता हासिल करना. क्षेत्र की जनता ने भी एक स्वर से तान्या को उम्मीदवार बनाए जाने की सिफारिश की.
भाजपा वैसे तो इस सीट पर अपना पूरा दमखम लगा रही है.इस सीट को जीतने के लिए वह काफी पहले से तैयारी भी कर रही है. पर शायद इस बार जनता कांग्रेस को जीत का उपहार दे दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा.
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